एक अधूरी मोहब्बत, कुछ बेचैन हसरतें, सूर्ख़ तन्हा रातें, कुछ जले ख़त, बेवफ़ाई के तंज़, अधूरे ख़्वाब, ढलते सपने, सुलगते ज़ख़्म, उभरते आँसू, झूठी कसमें - टूटे वादे, और…ना जाने क्या-क्या ज़ाया हुआ है इस एक किताब के पीछे!
आप में से कई लोगों ने अक्सर पूछा है कि क्या मैं केवल Two-Liners ही लिखता हूँ , तो उनको मैं बतलाना चाहूँगा की मैं अपने लम्बे लेख सम्भाल के रखता हूँ अपनी किताबों के लिए तो इसमें आपको वो लेख मिलेंगे। ये मेरे छोटे लेख जो आप पढ़ते हैं, उनमे से कई इन्ही लम्बे लेखों के हिस्से हैं।
तो अब मैं आपको इस किताब के हवाले छोड़ कर विदा लेता हूँ, बस इतनी सी हिदायत और दूँगा की इसे इत्मिनान से बैठकर तबियत से पढ़िएगा और इसके हर उभरते जज़्बातों को ख़ुद पर बेरहमी से हावी होने का मौक़ा दीजिएगा ! ❤️ इसे पढ़ने के बाद कोई एक शख़्स - कोई एक चेहरा - या फिर कोई एक बात आपको ज़रूर याद आएगी, और लगेगा जैसे मानो कोई चूल्हे से उतारे गरम चिमटे से आपकी उस दुखती नस को सहला रहा हो, जब दिल में ऐसी कसक उठे तो समझ लीजिएगा की आपने किताब असल में पढ़ ली है ! ????✨ ख़ैर, अब आप इसे खोलकर पढ़ने बैठिए - मैं चलता हूँ आपके लिए कुछ नए जज़्बात का इंतेज़ाम करने ! ???? अलविदा.
Book Length - 148 Pages